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उत्तराखंड के प्रतिभावान प्रोफेसर ने खोजा गंजेपन का इलाज, कंडाली से तैयार किया खास फार्मूला

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श्रीनगर गढ़वाल: आज के दौर में हर किसी को अपने लुक की परवाह होती है। चेहरे और कपड़ों के साथ एक और चीज है, जो हमारे लुक को निखारती है और वो है लहराते बाल। हर कोई अपने बालों का खूब ख्याल रखता है, लेकिन इसके बावजूद पुरुषों में गंजेपन की समस्या बेहद आम है। ये तो हुई समस्या की बात, लेकिन इस समस्या का समाधान ढूंढा है उत्तराखंड के एक प्रतिभावान प्रोफेसर ने। गढ़वाल केंद्रीय विवि के फार्मेसी विभाग की फैकल्टी डॉ. अजय सेमल्टी और डॉ. मोना सेमल्टी ने कंडाली से एक फार्मूला तैयार किया है, जिसे केश संजीवनी नाम दिया गया है। पुरुषों में गंजेपन की समस्या को एलोपेशिया कहते हैं, जिसके इलाज के लिए डॉ. अजय सेमल्टी और डॉ. मोना सेमल्टी ने हर्बल तरीके से फॉर्मूलेशन तैयार किया है। इस फॉर्मूलेशन को इंडियन पेटेंट मिला है। डॉ. अजय सेमल्टी ने बताया कि बाजार में उपलब्ध महंगी दवाओं से भी अच्छे परिणाम उनके शोध में हर्बल फॉर्मूलेशन से आए, जिससे वो काफी उत्साहित हुए। उन्होंने कंडाली की पत्तियों और जड़ों से इस तेल को तैयार किया है।

फॉर्मूले का परीक्षण चूहों पर किया गया, जो कि सफल रहा। कंडाली से बनी केश संजीवनी के शोध को भारतीय पेटेंट कार्यालय ने सुनवाई के लिए 2014 में पंक्तिबद्ध किया था। इसकी सुनवाई बीती 25 जनवरी को हुई और 22 मार्च को पेटेंट की आधिकारिक अधिसूचना जारी हुई। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2021 में डॉ. अजय सेमल्टी ने पुरुषों में गंजापन दूर करने के लिए हर्बल ऑयल तैयार किया था, जिसे आस्ट्रेलियन पेटेंट मिला था। अध्ययनों के मुताबिक आज हर पांच में से एक व्यक्ति, बालों के झड़ने, बालों की कमजोरी, चमक और घनेपन में कमी और बालों के पतले होने जैसी समस्याओं से परेशान है। गंजापन दूर करने के लिए कोई विग का सहारा लेता है तो कोई हेयर ट्रांसप्लांट का, लेकिन हेयर ट्रांसप्लांट के कई साइड इफेक्ट हैं। ऐसे में डॉ. अजय सेमल्टी द्वारा तैयार केश संजीवनी झड़ते बालों से परेशान लोगों के लिए वरदान बन सकती है।